जय श्री कृष्ण दोस्तों आज हम देखेंगे Bhagavad Gita Quotes in Hindi यह पढकर आपको जरूर प्रसंनता होगी| वैसे तो दोस्तों हम सभी को अपने जीवान मे bhagavad gita एक बार तो पढणी चाहीए, ताकी हम सभी को अपने जीवन का लक्ष समझ सके| इस पवित्र पुस्तक मे हमारे जीवन कें कई समस्याओ का हल हमे मिलता हैं|
इस article मे आपको Bhagavad Gita Quotes in Hindi, न्यू भगवद गीता कोट्स इन हिंदी, heart touching भगवत गीता के अनमोल वचन, Bhagavad Gita Quote on Positive Thinking, Bhagavad Gita Quotes on Life in Hindi, karma bhagavad gita quotes in sanskrit, Bhagavad Gita quotes on Karma in hindi, Srimad Bhagavad Gita Quotes in Hindi, Bhagavad Gita Quotes on Death in Hindi, Gita quotes in Hindi यह देखने को मिलेगा |
तो चालिए शूरवात करते हैं हमारे इस पोस्ट को,
+60 Shrimad Bhagavad
Gita Quotes in Hindi |
जय श्री कृष्ण
सज्जन व्यक्तियों को सदैव अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
क्योंकि इन्हीं के पद चिन्हों पर सामान्य व्यक्ति अपने रास्ते चुनता है।
हे अर्जुन! जो बहुत खाता है या कम खाता है,
जो ज्यादा सोता है या कम सोता है, वह कभी भी योगी नहीं बन सकता।
जो मुझे सर्वत्र देखता है और सब कुछ
मुझमें देखता है उसके लिए न तो मैं
कभी अदृश्य होता हूँ और न वह
मेरे लिए अदृश्य होता है।
अच्छे कर्म करने के बावजूद भी
लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे,
इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो,
तुम अपना कर्म करते रहो।
अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे,
इसलिए लोग क्या कहते है इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना काम करते रहो।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है,
यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु
पर लगातार चिन्तन करे।
गीता में कहा गया है कोई भी
अपने कर्म से भाग नहीं सकता
कर्म का फल तो भुगतना ही पड़ता है।
मनुष्य के दुख का कारण उसका प्रेम ही है,
वह जितना अधिक मोह करेगा उतना ही अधिक कष्ट भी भोगेगा |
मैं ही गर्मी प्रदान करता हूँ और बारिश को लाता और रोकता हूँ।
मैं अमर हूँ और साक्षात् मृत्यु भी हूँ। आत्मा तथा पदार्थ दोनों मुझ ही में हैं।
Latest Bhagavad Gita
Quotes in Hindi
अपना अनिवार्य कर्तव्य निभाएं,
क्योंकि कर्म करना वास्तव में कर्म न करने से बेहतर है।
मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए
और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।
जो होने वाला है वो होकर ही रहता है, और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता,ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।
धरती पर मनुष्य का जन्म किसी विशेष उद्देश्य के लिए होता है,
और जो उस कर्म से वंचित रहता है,उसे मोक्ष नहीं मिल पाता है |
फल की लालसा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।
हे अर्जुन, मैं धरती का मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम भी मैं ही हूँ।
जो मनुष्य प्रतिदिन खाने, सोने और आमोद प्रमोद के कार्यों में लिप्त रहता है। वह नियमित तौर पर योगाभ्यास करके समस्त क्लेशों से छुटकारा पा सकता है।
सत्य कभी दावा नहीं करता कि
मैं सत्य हूं लेकिन झूठ हमेशा
दावा करता हैं कि सिर्फ मैं ही सत्य हूं।
एक महान व्यक्ति द्वारा जो भी कार्य किया जाता है, आम आदमी उसके नक्शेकदम पर चलता है, और जो भी मानव वह अपने कार्य द्वारा निर्धारित करता है, उन्हें सारी दुनिया अपनाती है।
न्यू भगवद गीता कोट्स इन हिंदी
तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा। क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।
अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।
भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ।
जो हुआ वह अच्छे के लिए हुआ है, जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है, और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
मनुष्य जो चाहे बन सकता है, अगर वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें तो।
वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है और इसमें कोई शंशय नही है।
हे पार्थ! मैंने और तुमने अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए धरती पर कई अवतार लिए हैं। लेकिन मुझे याद है और तुम्हें नहीं
कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।
मनुष्य के दुख का कारण उसका प्रेम ही है,
वह जितना अधिक मोह करेगा उतना ही अधिक कष्ट भी भोगेगा |
Heart Touching
भगवत गीता के अनमोल वचन
जब तक आत्मा इन चारो दरवाज़ों धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष को समझ नहीं लेती तब तक आत्मा को बार बार इस मनुष्य रूप में आना ही पड़ेगा।
जिसने मन को जीत लिया है,
उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है,
क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है। ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।
यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है, बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता।
जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा।
तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।
आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो।
जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
जो व्यवहार आपको दूसरों से पसंद ना हो,
ऐसा व्यवहार आप दूसरों के साथ भी ना करें।
हे अर्जुन ! में भूतकाल, वर्तमान और भविष्यकाल के सभी जीवों को जानता हूं,
लेकिन वास्तविकता में कोई मुझे नही जानता है।
वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है,
वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।
Bhagavad Gita Quote
on Positive Thinking
तुम बिना किसी कारण के चिंता करते हो और बेवजह ही घबराते हो? तुम तो आत्मा हो। जिसे ना तो कोई मार सकता है और ना ही जला सकता है। यही जीवन की सच्चाई है। जिसे प्रत्येक व्यक्ति को जानना चाहिए।
जिसने मन को जीत लिया है, उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है, क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त कर ली है। ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है।
न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो। यह शरीर 5 तत्वों से बना है – आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश। एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।
सभी काम छोड़कर बस भगवान मे पूर्ण रूप से समर्पित हो जाओ,
मै तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा ।
मनुष्य का सम्पूर्ण शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है, अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी।
और अंत में उसके शरीर को इन्हीं पंचतत्वों में ही विलीन हो जाना है।
कोई भी व्यक्ति जो चाहे बन सकता है,
यदि वह व्यक्ति एक विश्वास के साथ
इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें।
मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय,
किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं,
वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वह विश्वास करता है,
वैसा वह बन जाता है।
Bhagavad Gita Quotes
on Life in Hindi
मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से
भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है,
और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है.
जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं। कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया तो श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की। अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।
गीता के अनुसार
जिंदगी में हम कितने सही हैं
और कितने गलत हैं
यह केवल दो लोग जानते हैं
एक परमात्मा और दूसरी हमारी अंतरात्मा
सम्पूर्ण संसार में जब अधर्म और पाप बढ़ता है,
तो मैं धर्म की पुनः स्थापना के लिए धरती पर अवतार लेता हूं।
मैं किसी का भाग्य नही बनाता हर कोई अपना भाग्य खुद बनाता हैं, आप आज जो भी कर्म कर रहे हों, उसका फल आपको कल प्राप्त होगा, और आज जो आपके पास हैं वह आपके द्वारा पहले किये गये कर्मों का फल हैं।
जो दान बिना सत्कार के कुपात्र को दिया जाता है वह तमस दान कहलाता है।
जैसे अंधेरे में प्रकाश की ज्योति जगमगाती है।
ठीक उसी प्रकार से सत्य की चमक भी कभी फीकी नही पड़ती।
इसलिए व्यक्ति को सदैव सत्य बोलना चाहिए|
जो अच्छा लगे उसे ग्रहण करो
और जो बुरा लगे उसका त्याग
फिर चाहे वह विचार हो,
कर्म हो या मनुष्य।
गीता में लिखा है जब इंसान की जरूरत बदल जाती है
तब इंसान के बात करने का तरीका बदल जाता है।
Karma Bhagavad Gita
Quotes in Hindi
हे अर्जुन! क्रोध से भ्रम पैदा होता है,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है,
तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।
हे अर्जुन! मैं हर जीव के ह्रदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ। जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है, मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ, जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके।
हे अर्जुन! जो बुद्धि धर्म तथा अधर्म,
करणीय तथा अकरणीय कर्म में भेद नहीं कर पाती, वह राजा के योग्य है।
अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है।
जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।
जो लोग निरंतर भाव से मेरी पूजा करते है, उनकी जो आवश्यकताएँ होती है,
उन्हें मैं पूरा करता हूँ और जो कुछ उनके पास है, उसकी रक्षा करता हूँ।
जब तक शरीर है
तब तक कमजोरियां तो रहेगी ही
इसलिए कमजोरियों की चिंता छोड़ो
और जो सही कर्म है
उस पर अपना ध्यान लगाओ
तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ?
तुम क्यों भयभीत होते हो ?
कौन तुम्हे मार सकता है ?
आत्मा न कभी जन्म लेती है और न ही इसे कोई मार सकता है,
ये ही जीवन का अंतिम सत्य है।
याद रखना अगर बुरे लोग सिर्फ
समझाने से समझ जाते तो
बांसुरी बजाने वाला भी
कभी महाभारत होने नहीं देता।
Bhagavad Gita Quotes
on Karma in Hindi
जो पैदा हुआ है उसकी मृत्यु भी निश्चित है,
जैसे जो मृत है उनके लिए जन्म,
इसलिए जिसे बदल नहीं सकते
उसके लिए शोक मत करो।
जिंदगी में हम कितने सही हैं और
कितने गलत हैं यह केवल दो लोग जानते हैं,
एक परमात्मा और दूसरी हमारी अंतरात्मा।
हे अर्जुन! जो मेरे आविर्भाव के सत्य को समझ लेता है,
वह इस शरीर को छोड़ने पर इस भौतिक संसार में पुनर्जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे धाम को प्राप्त होता है।
जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर नये कपड़े धारण करता है,
उसी प्रकार आत्मा पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग कर नया भौतिक शरीर धारण करता है|
गीता में कहा गया है
जो इंसान किसी की कमी को
पूरी करता है वो
सही अर्थों में महान होता है
जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है,
ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है।
इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।
हमेशा संदेह करने से खुद का ही नुकसान होता है,
संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए
प्रसन्नता न ही इस लोक में है
और न ही किसी और लोक में।
आप ही अपना मित्र और आप भी अपना शत्रु है
क्युकी स्वयं का पतन
और उद्धार दोनों आप निर्धारित करते हैं
अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो,
यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी
इस सहारे को पहचान गया है वह डर,
चिंता और दुखों से आजाद रहता है।
Bhagavad Gita Quotes
on Death in Hindi
हे अर्जुन! श्रीभगवान होने के नाते मैं जो कुछ भूतकाल में घटित हो चुका है,
जो वर्तमान में घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है,
वह सब कुछ जानता हूँ। मैं समस्त जीवों को भी जानता हूँ, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता।
मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से
भागना नहीं चाहिए और न ही
भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे
बहानों का प्रयोग करना चाहिए।
जब इंसान अपने काम में आनंद खोज
लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।
क्रोध से उत्पन्न होता है मोह और मोह से स्मृति विभ्रम,
स्मृति के भ्रमित होने पर बुद्धि का नाश होता है,
और बुद्धि के नाश होने से वह मनुष्य नष्ट हो जाता है।
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य
को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य
मिलते ही निंदा करने वालों की
राय बदल जाती है।
मन की शांति से बढ़कर इस
संसार में कोई भी संपत्ति नहीं है।
मनुष्य अपने जीवन में जो भी
कर्म रूपी बीज बोता है,
भविष्य में उसी का फल
उसे प्राप्त होता है।
जो पुरुष सुख तथा दुख में
विचलित नहीं होता और
इन दोनों में समभाव रहता है,
वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य है।
जो मनुष्य अपने कर्मफल प्रति निश्चिंत है,
और जो अपने कर्तव्य का पालन करता है,
वहीं असली योगी है।
Srimad Bhagavad
Gita Quotes in Hindi
न तो यह शरीर तुम्हारा है,
और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो,
यह शरीर 5 तत्वों से बना है... आग, जल, वायु,
पृथ्वी और आकाश, एक दिन यह शरीर इन्ही 5
तत्वों में विलीन हो जाएगा।
जैसे समुद्र के पार जाने के लिये
नाव ही एक मात्र साधन है,
वैसे ही स्वर्ग में जाने के लिये
सत्य ही एक मात्र सिढी है कुछ और नही।
खुद को जीवन के योग्य बनाना ही
सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।
अकेले रहना तुम्हें यह भी सिखाता है,
कि वास्तव मे तुम्हारे पास स्वयं के
अलावा और कुछ भी नहीं।
जीवन में बिना किसी कर्म को
किए किसी फल की आशा करना
इंसान की सबसे बड़ी भूल होती है।
तुम इस धरती पर मेहमान हो,
मालिक नहीं इसलिए
अहंकार छोड़ दो।
मनुष्य अपने विचारो से ऊचाईयाँ में भी हो सकता है,
और खुद को गिरा भी सकता है क्योकि हर
व्यक्ति खुद का मित्र भी होता है और शत्रु भी।
जो मनुष्य अपने कर्मफल प्रति निश्चिंत है,
और जो अपने कर्तव्य का पालन करता है,
वहीं असली योगी है।
चुप रहने से बड़ा कोई जवाब नहीं और
माफ कर देने से बड़ी कोई सजा नहीं।
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